मंगलवार, 12 जनवरी 2016

आर्यभट्ट एवं शून्य के आविष्कार से सम्बंधित भ्रान्ति (Zero in india)

आज कल हिन्दू संस्कृति विरोधीयों ने एक जोक फैलाया है की जब आर्यभट्ट ने शून्य की खोज 500 ईसवीं के लगभग की तो 100 कौरवों और रावण के 10 सर की गिनती किसने की???
◆◆आर्यभट्ट ने शून्य की खोज अपने द्वारा अविष्कृत अक्षरांक पद्धति में किया है न की सभी पद्धतियों में।ठीक उसी प्रकार जैसे किताब को अंग्रेज बुक लिखते हैं इसलिए बुक की खोज करने वाले अंग्रेज हुए मगर उसी को किताब के रूप में किसी और ने खोजा ...
◆◆आविष्कार और शोध में अंतर है । शोध निरंतर चलने वाली एक प्रक्रिया है जबकि आविष्कार नितांत नवीन और अभूतपूर्व होता है । यूँ मेटाफ़िज़िक्स की दृष्टि से देखें तो अभूतपूर्व भी कुछ नहीं होता । सब कुछ रिपीट होता है, बस केवल हमारे सामने जो पहली बार प्रकट होता है हम उसे आविष्कार मान लेते हैं । अग्नि बाण पहले भी थे ... आज भी हैं । बीच के काल में नहीं थे । सभ्यताओं के उदय और अस्त के साथ इन सब चीजों का भी उदय-अस्त होता रहता है । उदय-अस्त का अर्थ केवल एपियरेंस एण्ड डिसएपियरेंस भर है । सूर्य अस्त होने के बाद भी समाप्त नहीं हो जाता । शून्य के अस्तित्व के बिना स्थापत्य कला, विज्ञान, दर्शन आदि के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती । यह सबसे बड़ा प्रमाण है कि शून्य का अस्तित्व वैदिक काल से भी पूर्व का है ।
◆◆आर्यभट्ट (जन्म 476 ई.) को शून्य का आविष्कारक नहीं माना जा सकता। आर्यभट्ट ने एक नई अक्षरांक पद्धति को जन्म दिया था। उन्होंने अपने ग्रंथ आर्यभटीय में भी उसी पद्धति में कार्य किया है। आर्यभट्ट को लोग शून्य का जनक इसलिए मानते हैं, क्योंकि उन्होंने अपने ग्रंथ आर्यभटीय (498 ई.) केगणितपाद 2 में एक से अरब तक की संख्याएं बताकर लिखाहै 'स्थानात् स्थानं दशगुणं स्यात' मतलब प्रत्येक अगली संख्या पिछली संख्या से दस गुना है। उनके ऐसे कहने से यह सिद्ध होता है कि निश्चित रूप से शून्य का आविष्कार आर्यभट्ट के काल से प्राचीन है।
◆◆पिंगलाचार्य भारत में लगभग 200 से 500ईसा पूर्व के बीच छंद शास्त्र के प्रणेता पिंगलाचार्य हुए हैं (चाणक्य के बाद) जिन्हें द्विअंकीय गणित का भी प्रणेता माना जाता है। इसी काल में पाणिनी हुए हैं जिनको संस्कृत का व्याकरण लिखने का श्रेय जाता है। अधिकतर विद्वान पिंगलाचार्य कोशून्यका आविष्कारकमानते हैं।पिंगलाचार्य के छंदों के नियमों को यदि गणितीय दृष्टि से देखें तो एक तरह से वे द्विअंकीय (बाइनरी) गणित का कार्य करते हैं और दूसरी दृष्टि से उनमें दो अंकों के घन समीकरण तथा चतुर्घाती समीकरण के हल दिखते हैं। गणित की इतनी ऊंची समझ के पहले अवश्य ही किसी ने उसकी प्राथमिक अवधारणा को भीसमझा होगा। अत: भारत में शून्य की खोज ईसा से 200 वर्ष से भी पुरानी हो सकती है।
◆◆ बख्शाली पाण्डुलिपि :गणित के एक बहुमूल्य ग्रंथ बख्शाली पाण्डुलिपि के कुछ (70) पन्ने सन् 1881 में खैबर क्षेत्र में बख्शाली गांव के निकट बहुत हीजीर्ण अवस्था में मिले थे। ये भोजपत्र पर लिखे गए हैं। इनकी भाषा के आधार पर अधिकांश विद्वान इन्हें 200 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी का मानते हैं। यह ग्रंथ इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यह शुल्व सूत्री (वैदिक) गणित के ईसा पूर्व 800 से लेकर ईसा पूर्व 500 के काल के बाद के गणितीय रूप को दर्शाता है। इस पाण्डुलिपि में शून्य का जिक्र है।भारत में उपलब्ध गणितीय ग्रंथों में 300 ईस्वी पूर्व का भगवती सूत्र है जिसमें संयोजन पर कार्य हैतथा 200 ईस्वी पूर्व का स्थनंग सूत्र है जिसमें अंक सिद्धांत, रेखागणित, भिन्न, सरल समीकरण, घन समीकरण, चतुर्घाती समीकरण तथा मचय (पर्मुटेशंस) आदिपर कार्य हैं। सन् 200 ईस्वी तक समुच्चय सिद्धांत के उपयोग का उल्लेख मिलता है और अनंत संख्या पर भी बहुत कार्य मिलता है।
◆◆ ईशावास्योपनिषद् के शांति मंत्र में कहा गया है-ॐपूर्णमद: पूर्णमिदं पूर्णात्‌ पूर्णमुदच्यते।पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते।।यह मंत्र मात्र आध्यात्मिक वर्णन नहीं है, अपितु इसमें अत्यंत महत्वपूर्ण गणितीय संकेत छिपा है, जो समग्र गणित शास्त्र का आधार बना। मंत्र कहता है, यह भीपूर्ण है, वह भी पूर्ण है, पूर्ण से पूर्ण की उत्पत्ति होती है, तो भी वह पूर्ण है और अंत में पूर्ण में लीन होने पर भी अवशिष्ट पूर्ण ही रहता है। जो वैशिष्ट्य पूर्ण के वर्णन में है वही वैशिष्ट्य शून्य व अनंत में है। शून्य में शून्य जोड़ने या घटाने पर शून्य ही रहता है। यही बात अनन्त की भी है।हमारे यहां जगत के संदर्भ में विचार करते समय दो प्रकार के चिंतक हुए। एक इति और दूसरा नेति। इति यानी पूर्णता के बारे में कहने वाले। नेति यानी शून्यता केबारे में कहने वाले। यह शून्य का आविष्कार गणना की दृष्टि से, गणित के विकास की दृष्टि से अप्रतिम रहा है।भारत गणित शास्त्र का जन्मदाता रहा है, यह दुनिया भी मानने लगी है।
◆◆यूरोप की सबसे पुरानी गणित की पुस्तक"कोडेक्स विजिलेन्स" है। यह पुस्तक स्पेन की राजधानी मेड्रिड के संग्राहलय में रखी है। इसमें लिखा है-"गणना के चिन्हों से (अंकों से) हमें यह अनुभव होता है कि प्राचीन हिन्दुआें की बुद्धि बड़ी पैनी थी तथा अन्यदेश गणना व ज्यामिति तथा अन्य विज्ञानों में उनसे बहुत पीछे थे। यह उनके नौ अंकों से प्रमाणित हो जाता है, जिनकी सहायता से कोई भी संख्या लिखी जा सकती है।"नौ अंक और शून्य के संयोग से अनंत गणनाएं करने की सामर्थ्य और उसकी दुनिया के वैज्ञानिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका की वर्तमान युग के विज्ञानी लाप्लास तथा अल्बर्ट आईंस्टीन ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।
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स्रोत: गूगल ब्लॉग,कौशलेन्द्रम मिश्र अतिदलित जी,आशुतोष की कलम से....
https://www.facebook.com/ashutoshkikalam

शुक्रवार, 8 जनवरी 2016

सोशल मिडिया से युद्ध का ऐलान करते महारथी (social Media War)

#War #युद्ध
◆ दृश्य एक: 24 दिसम्बर 1999 को इस्लामिक आतंकवादियों ने  में इंडियन एयरलाइंस फ्लाईट 814 का
आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया और उसे अफगानिस्तान के कंधार ले गए.. 178 यात्री थे जिसमें से एक यात्री रूपीन कत्याल विरोध करने के कारण मारा गया. बाकी 177 मुसाफिरों ने भारीे हथियारों से लैस आतंकियों का कोई विरोध करने की हिम्मत नहीं दिखाई..

◆ दृश्य दो:  मुसलमान आतंकवादीयों ने ग्यारह सितम्बर 2001 अमेरिका में ट्वीन टावर आतंकवादियों ने उड़ाया..यात्रियों से भरे एक हाइजैक जहाज को आतंकवादी व्हाइट हाउस की ओर ले जा के तत्कालीन राष्ट्रपति जार्ज बुश के आवास पर गिराना चाहते थे मगर यात्रियों ने आतंकियों से लड़ाई की.काकपिट तक पहुचता देख "अल्लाह हूँ अकबर के नारे के साथ" मजबूरी में आतंकियों को विमान पहले गिराना पड़ा. सभी यात्री मारे गये..सभी आतंकी मारे गए।।व्हाइट हाउस सुरक्षित रहा..

◆ दृश्य तीन: आतंकवादी अयूब_अल_खज्जानी ने एम्स्टर्डम से पेरिस जा रही एक हाई स्पीड ट्रेन में एक47 और बमो से लैस होकर हमला किया। ट्रेन में यात्रा कर रहे अमरीकी एंथोनी सालडर, एलेक स्कारलाटोस और स्पेंसर स्टोन ने इस्लामिक आतंकवादी #अयूब_अलखज्जानी से ट्रेन में भिड़ गए और आतंकवादी को धर दबोचा..इस गोलाबारी में दर्जनों की जान जा सकती थी मगर तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए..

◆दृश्य चार:पुनः कांधार हाइजैक से सम्बंधित है..विमान अपहरण के बाद यात्रियों के परिजनों की इकट्ठा भारी भीड़। सभी का कहना था की किसी भी कीमत पर उन्हें उनके परिजन जीवित चाहिए एक की भी जान अब नहीं जानी चाहिए..सरकार चाहे आतंकी छोड़े या वार्ता करे सेना भेजे या कोई भी कीमत दे मगर कोई भी मरना नहीं चाहिए..अंततः अटल बिहारी वाजपेयी ने कांग्रेस समेत सभी दलों की सहमति से 3 खूंखार आतंकवादियों को छोड़ा और सभी यात्री वापिस आये..

◆ दृश्य पांच: वर्तमान का दृश्य...भारत में हुए पठानकोट आतंकी हमले के बाद हम सब सोशल मिडिया से युद्ध की घोषणा कर रहे है..मैं सन 1999 के पुराने आर्काइव वीडियो खंगाल रहा हूँ जिसमे विमान हाइजैक में फसे यात्रियों के परिवारों के कुछ लोग ये कहते मिल जाए  "मरते हैं परिजन तो मरने दो मगर आतंकवादियों को रिहा करके घुटने मत टेको..हमें परिजनों से प्यारा हमारा देश है.."
कई घंटो की खोज के बाद ऐसा वीडियो मिल नहीं पाया...आप में से किसी को मिल जाए तो जरूर भेजिएगा..मुझे वो वीडियो Narendra Modi के पास भेजकर उनको याद दिलाना है की हम लोग सिर्फ फेसबुक से तोप नहीं चलाते, आप युद्ध कीजिये विपत्ति काल में  सैनिको के साथ साथ हम आम भारतीय भी अपने परिवार समेत मरने को तैयार थे.

आशुतोष की कलम से
https://www.facebook.com/ashutoshkikalam

ट्वीट :   @ashu2aug 

पाकिस्तान नीति :मोदी का यू टर्न या कांग्रेसी कुकर्मों का फल

‪#‎मोदीसरकार‬ ‪#‎अच्छेदिन‬ ‪#‎यूटर्न‬?
सत्ता से बाहर रहकर युद्ध और सर काटने की बात करने वाली भाजपा आज युद्ध से भाग रही है..मोदी ने U टर्न मार लिया??आओ कांग्रेसियों,वामियों,आपियों,पापियों मैं बताता हूँ की पाकिस्तान से युद्ध क्यों नहीं कर सकता मोदी..
दरअसल ये प्रधानमंत्री मोदी का ये U टर्न तुम्हारे कुकर्मो का फल है..‪#‎कांग्रेस‬(04-14) और ‪#‎वामपंथियों‬ (04-09)ने कहाँ भारत के रक्षा तंत्र को पंहुचा दिया ●वामपंथी और कांग्रेसियों अपने दस साल के शासन काल में भारतीय सेना,वायुसेना,BSF को ISI के एजेंटो का दूसरा घर बना दिया है तुमने जिसकी सफाई पिछले डेढ़ साल से कर रहा है Narendra Modi..और हर रोज ISI के कांग्रेसी दामाद गिरफ्तार हो रहे हैं..

● कामपंथी और अल-खान्ग्रेसियों 10 साल में तुमने कितने आयल रिजर्व बनाये??युद्ध सिर्फ बयान से नहीं लड़े जाते.आयल रिजर्व भारत के पास कितने दिनों का था जब मोदी ने सत्ता संभाली? सितम्बर 2015 से मोदी सरकार नए आयल रिजर्व बना रही है जिससे की तुम्हारे कुकर्मो और ऐय्याशियों से तबाह सेना को हिम्मत मिले..
● युद्ध के लिए कम से कम 40 दिन की सामग्री होनी चाहिए.. इटली वाली बाई और मौनी बाबा की कृपा से सेना के पास 40 दिन तक चलने वाला सिर्फ 10 फीसदी गोला बारूद ही था। जबकि 50 फीसदी से ज्यादा गोला-बारूद तो केवल एक हफ्ते तक के लिए मौजूद था।
● चीन के पास 60 से 80 दिन का रिजर्व है और भारत के पास??कांग्रेसियों तुमने दलाली के चक्कर में सिर्फ 7 दिन का रिजर्व रख छोड़ा था..और बाते करोगे को मोदी क्यों युद्ध नहीं कर रहा..
●याद है अल-खान्ग्रेसियों तुमने 10 साल में सेना को इतना तबाह कर दिया की भारतीय सेना का जनरल तुम्हे चिट्टी लिखता रहा,चिल्लाता रहा की भारत की सेना के पास लड़ने को हथियार नहीं और तुम लोग 2G,3G जीजाG,कॉमनवेल्थ और कोयला से अपना मुह काला करते रहे..सेना चीखती रही और तुम अपना बिस्तर गर्म करके जज बनाने में व्यस्त रहे..
● विमानों खरीद में तुमने इतनी घटिया दलाली की राजनीति चली की दलाली न मिलने के कारण 10 साल में विमानों को खरीदने का आर्डर नहीं दे पाये वो तो भला हो नरेंद्र मोदी का जिन्होंने "राफेल डील" को खुद ही फ़्रांस जा के फाइनल करके हताश हो रही एयरफोर्स को नयी हिम्मत दी वरना कांग्रेस का बस चलता तो उड़नताबूत बन चुके आउटडेटेड MIG में ही मरने देती वायुसेना के पायलटों को..यही डील कांग्रेसियों तुमने पहले फाइनल कर दी होती तो आज तक ये विमान हमारे एयरफ़ोर्स के हैंगरों में पहुच चुके होते..
● गलती से कांग्रेस ने हेलीकॉप्टर और सेना के ट्रक खरीद लिए तो उसे "ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकाप्टर घोटाला" और "टाट्रा ट्रक घोटाला" नाम से ये देश जानता है..
● अब आते हैं नौसेना की स्थिति पर, याद है न क्या हालात बना दी थी तुम कांग्रेसियों ने 2004 से 2014 तक हादसों की झड़ी लगा दी और नौसेना की शान INS सिंधुरक्षक का खड़े खड़े तबाह हो जाना और 18 नौसैनिकों का मरना वो जख्म है जिसे सिर्फ एक हादसा नहीं माना जा सकता था। नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने तो इस्तीफा दे दिया मगर उसके बाद फिर हादसे का होना ये बताने को पर्याप्त था की 10 सालों में नेविवारशिप का रखरखाव हुआ नहीं या हुआ भी तो बड़ी हथियार दलाल लाबी इसमें सम्बद्ध थी..
● घोटाले और मुफ्तखोरी से तबाह देश का खजाना तुमने मोदी को दिया था जो कोई युद्ध नहीं झेल सकता था। यही कारण है की उस देश के खजाने को भरने के चक्कर में आज मोदी कभी सेस बढ़ाता है तो कभी पेट्रोल डीजल पर वैट बढ़ा के देश को मजबूत करता है और हमारी थोक के भाव गालियां भी सुनता है.
● अब कांग्रेस और वामपंथियों की अवैध राजनैतिक संतति,टोपी वाली नौटंकी गैंग के गुर्गों..तुम लोग तो कांग्रेस से भी गए गुजरे हो तुम्हारी नौटंकी चलती ही है फ्री के वाईफाई, फ्री के बिजली,फ्री के पानी पर तो अगर युद्ध हुआ तो तुम्हे जीत हार से मतलब नहीं होगा तुम्हे मतलब होगा युद्ध के बाद निश्चित बढने वाली महंगाई से.. महंगाई बढ़ गई जी..मोदी ने टैक्स लगा दिया जी..LG हमे काम करने दे रहा जी...ऐंड सो आन नौटंकी आन इट्स पीक..
★★★ अब कुछ मानसिक रूप से अपरिपक्व बच्चे, ये कहेंगे की अब तो मोदी है जो करना है कर लो...तो भाई जहाजो के आर्डर मोदी खुद फ़्रांस में देकर आया है...जहाज का आर्डर दिया है न की पिज्जा का जो दो मीनट में बनकर आधे घंटे में आ जाये, कुछ साल लगेंगे बनाने और डिलिवरी में..सेना का आधुनिकीकरण जारी है.नए आयल रिजर्व अगस्त सितम्बर 2015 से बनने शुरू हो गए..करोडो के हथियारों की खरीद को रक्षामंत्री मनोहर पारिकर ने अप्रूव कर दिया. कांग्रेस की चहेती हथियारों की दलाल लाबी को लात मार के भगा दिया गया है..एक एक सौदे पर PMO की नजर है...Rajnath Singh के विभाग वाले सेना व एयरफोर्स में कांग्रेस के ISI वाले दामादो को रोज पकड़ रहे हैं.आप के पास अरबो रूपये हो तो भी एक मकान बनाने में समय लगता है तो यहाँ तो पूरे रक्षा तंत्र का फिर से जीर्णोद्धार करना है ऐसे तीव्र गति से काम हुआ तो 5 साल में खड़े होने लायक होंगे और कम से कम 10 साल में दौड़ने लायक..और यदि जैसा पहले कांग्रेसी जमाने में था वैसी स्पीड रही तो चीन है ही खड़ा 1962 दोहराने के लिए....


आशुतोष की कलम से