गुरुवार, 17 अप्रैल 2014

मैंने भी प्यार किया था

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जी हां हमको भी प्यार हुआ था,
उम्र 15  साल।
कद छोटा, रंग काला और थोड़ा मोटा,
जब पड़ा था इश्क का अकाल।।
जब फिल्मो के हीरो अमिताभ,
और विलेन था सकाल।
और जब मै नाई से,
कटवा रहा था अपने बाल।।
जब मै बाल कटवा रहा था,
तभी वहा बवाल।
नाई थोड़ा घबराया,
बाल की जगह कट गया मेरा गाल।।
मै भी जिज्ञासा वस बाहर आया,
तो देखा नया बवाल।
दो प्रेमी मित्र मना रहे थे,
नया-नया साल।।
दोनों ने एक दुसरे को कसके पकड़ा था,
तब मुझे आया एक ख्याल।
लोगो ने किया था,
उनको देखकर लोगो ने किया था बवाल।।
लेकिन उस बवाल को देखकर,
मेरे मन में आया प्यार का ख्याल।
मैंने भी प्यार करने की ठानी,
लेकिन मेरे मन में आया एक सवाल।।
मैंने अपने स्कूल में ही,
कर दिया बवाल।
स्कुल में देखा एक नया माल।।
मैंने फ्लट किया,
बड़े सुन्दर है आपके बाल ।
लगते है हमेशा,
संसद में लटके हुए लोकपाल।।
मैंने आगे झूठ बोला,
आपके सुन्दर और फुले हुए गाल।
कराते है मेरे मन में हमेशा,
कश्मीर जैसा बवाल।।
मैंने किया प्रेम का इजहार,
तो उसने कर दिए मेरे गाल लाल।
फिर वहा खड़े लोगो ने पिटा,
फिर उसने पूछा एक सवाल।।
वैसे तुमने किया क्या था,
जो उसने किया बवाल।
जो इन बेरहम लोगो ने कर दिया,
तेरा यह बुरा हाल।।
मैंने उन्हें बताया,
करना चाहा प्यार कर दिया यह हाल।
अरे अभी तेरी उम्र ही क्या है,
खुद को पागल बनने से  संभाल।।

सोमवार, 14 अप्रैल 2014

युवाओं का गैजेट प्रेम

सुबह हो या शाम,
हर जगह दीखता है .
हर गली, नुक्कड़ और चौराहो,
पर बिकता है .

कुछ छोटा सा या बड़ा ,
आकर्षित करता हुआ.
सभी का मनोरंजन,
करता है.

हम (युवाओं) के जीवन,
के अंग इस प्रकार है.
एक छोटा परन्तु अद्भुत,
वस्तु मोबाईल,
जो आक्सीजन का कार्य करता है.

दिन में कई बार,
फिल्मी गीतो के साथ बजता है.
अगर थोड़ी देर के लिए भी,
गम हो जाए तो,
ह्रदय बहुत तेजी से धड़कता है.

दूसरे प्रमुख अंग को हम,
कंप्यूटर कहते है.
यह हमारे जीवन में,
रक्त का कार्य करता है.

सभी बच्चो की जिज्ञासा,
का हल इंटरनेट करता है.
और दैनिक जीवन में,
विटामिन और प्रोटीन का कार्य करता है.

बच्चो में बुक नामक,
रोग मिले या न मिले,
फेसबुक नामक,
डायबटीज जरूर मिलता है.

जो पहले जिज्ञासा,
से शुरू होकर बढती जाती है.
और यह निरंतर बढता जाता है.

उपर्युक्त बताये गए सभी,
तत्व महत्वपूर्ण है.
सवस्थ जीवन के लिए इनका,
नियमित और सही मात्र में,
सेवन जरूरी होता है. 
 
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मंगलवार, 8 अप्रैल 2014

आज का प्रेम

http://hindikavitamanch.blogspot.in/मनुष्य (इस संसार का सबसे अद्भुत प्राणी),
जिसका प्रेम प्रत्येक छण !
कलेंडर से जल्दी बदलता है,
और समय से भी तेज चलता है !!

औरत (संसार की सबसे रहस्यमय प्रजाती),
को देखते ही प्रेम में पड़ जाता है !
और फिर जनसंख्या और महंगाई,
से भी तेज बढता जाता है !!

पहले ही दिन अट्रैक्सन होता है,
फिर कनेक्सन होता है !
दूसरे ही दिन कन्वेंसन होता है,
और अंत में इस प्रेम नामक दवा,
की एक्सपायरी डेट ख़त्म हो जाती है !!

और फिर मनुष्य (मोबाईल फोन),
से औरत नामक सीम निकाल दी जाती है !
और फिर सस्ती, टिकाऊ  और सुन्दर ऑफर,
वाले सिम (महिला) की तलाश शुरू हो जाती है !!

और कभी - कभी तो यह,
'शादी' नामक ज्वार तक पहुँच जाती है !
और फिर 'तलाक' नामक भाटा पर,
आकर ख़त्म होती है !!