रविवार, 31 मार्च 2013

अल्हड मस्ती छेड़ छाड़ है वासन्ती बौराई




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गोप गोपियां सरावोर रंग राधा कान्हा नाचें
ढोल नगाङे गूंज रहे हैं घुंघरू छन छन बाजे
रंग रंगीली न्यारी प्यारी छवि कितनी मनुहारी
होली रस में ङूबी धरती खुशी सभी नर नारी
स्वर्ग अप्सरा कामधेनु हैं हर आनंद समायो
फागुन के रंग चोला रंग्यो प्रीति पिया उर लायो
गली गली में दौङ लगी है झुंङ बना वे फिरते
काले पीले नीले मुख में ताक रहे सब अपने
घंघरा चोली साङी कुर्ता क्या पहने चित चोर
नटखट नंदलाल सब पागल खोज फिरे चहुं ओर
कभी दिखे गोपिन के संग तो राधा संग बरजोरी
मुरली छीन लई राधा ने सौतन हंसी ठिठौली
गुल गुलाल मल लाल गाल ले कहीं किशोरी भागे
टोपी कुर्ता बंदर मुख ले कुछ किशोर मतवाले
भंग पिये हैं आंख लाल ले सुस्त मस्त कर चाल
हॅसते तो हॅसते ही जाते शोर कमाल धमाल
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गुझिया पान मिठाई खाते कुछ ठंढाई पीते
और नशीले नैना चितवन फागुन का रस पीते
अल्हड मस्ती छेड़ छाड़ है वासन्ती बौराई
पियरी पहने ऋतुराज भी मस्त खुमारी छाई
भ्रमर फूल कलियां पराग है आम्र वहीं बौराए
कोयल कूके मोर नाचते होरी धुन सब गाए
भूले बिसरे बदरा भी फागुन रस भर घर आए
सेज सजाए ङोली बैठी बदरी जी हुलसाए
गदगद् शीतल रंग बदन तन मन को चला भिगोता
फागुन ही हर रोज रहे प्रभु राम प्रेम अरू सीता।।
सुरेंद्र कुमार शुक्ल भ्रमर
1:00 pm -1:50 pm
बरेली – लखनऊ ( उ. प्र. )

No Other Solution





























मित्रो बहुत से लोग नशा छोडना चाहते है पर उनसे छुटता नहीं है !बार बार वो कहते है हमे मालूम है ये गुटका खाना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे ???
बार बार लगता है ये बीड़ी सिगरेट पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब उठ जाती है तो क्या करे !??
बार बार महसूस होता है यह शाराब पीना अच्छा नहीं है लेकिन तलब हो जाती है तो क्या करे ! ????
तो आपको बीड़ी सिगरेट की तलब न आए गुटका खाने के तलब न लगे ! शारब पीने की तलब न लगे ! इसके लिए बहुत अच्छे दो उपाय है जो आप बहुत आसानी से कर सकते है ! पहला ये की जिनको बार बार तलब लगती है जो अपनी तलब पर कंट्रोल नहीं कर पाते नियंत्रण नहीं कर पाते इसका मतलब उनका मन कमजोर है ! तो पहले मन को मजबूत बनाओ!
मन को मजबूत बनाने का सबसे आसान उपाय है पहले थोड़ी देर आराम से बैठ जाओ ! आलती पालती मर कर बैठ जाओ ! जिसको सुख आसन कहते हैं ! और फिर अपनी आखे बंद कर लो फिर अपनी दायनी(right side) नाक बंद कर लो और खाली बायी(left side) नाक से सांस भरो और छोड़ो ! फिर सांस भरो और छोड़ो फिर सांस भरो और छोड़ो !
बायीं नाक मे चंद्र नाड़ी होती है और दाई नाक मे सूर्य नाड़ी ! चंद्र नाड़ी जितनी सक्रिये (active) होगी उतना इंसान का मन मजबूत होता है ! और इससे संकल्प शक्ति बढ़ती है ! चंद्र नाड़ी जीतने सक्रिये होती जाएगी आपकी मन की शक्ति उतनी ही मजबूत होती जाएगी ! और आप इतने संकल्पवान हो जाएंगे ! और जो बात ठान लेंगे उसको बहुत आसानी से कर लेगें ! तो पहले रोज सुबह 5 मिनट तक नाक की right side को दबा कर left side से सांस भरे और छोड़ो ! ये एक तरीका है ! और बहुत आसन है !
दूसरा एक तरीका है आपके घर मे एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसको आप सब अच्छे से जानते है और पहचानते हैं ! राजीव भाई ने उसका बहुत इस्तेमाल किया है लोगो का नशा छुड्वने के लिए ! और उस ओषधि का नाम है अदरक ! और आसानी से सबके घर मे होती है ! इस अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो ! सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो ! जब भी दिल करे गुटका खाना है तंबाकू खाना है बीड़ी सिगरेट पीनी है ! तो आप एक अदरक का टुकड़ा निकालो मुंह मे रखो और चूसना शुरू कर दो ! और यह अदरक ऐसे अदबुद चीज है आप इसे दाँत से काटो मत और सवेरे से शाम तक मुंह मे रखो तो शाम तक आपके मुंह मे सुरक्षित रहता है ! इसको चूसते रहो आपको गुटका खाने की तलब ही नहीं उठेगी ! तंबाकू सिगरेट लेने की इच्छा ही नहीं होगी शराब पीने का मन ही नहीं करेगा !
बहुत आसन है कोई मुश्किल काम नहीं है ! फिर से लिख देता हूँ !
अदरक के टुकड़े कर लो छोटे छोटे उस मे नींबू निचोड़ दो थोड़ा सा काला नमक मिला लो और इसको धूप मे सूखा लो ! सुखाने के बाद जब इसका पूरा पानी खतम हो जाए तो इन अदरक के टुकड़ो को अपनी जेब मे रख लो ! डिब्बी मे रखो पुड़िया बना के रखो जब तलब उठे तो चूसो और चूसो !
जैसे ही इसका रस लाड़ मे घुलना शुरू हो जाएगा आप देखना इसका चमत्कारी असर होगा आपको फिर गुटका –तंबाकू शराब –बीड़ी सिगरेट आदि की इच्छा ही नहीं होगी ! सुबह से शाम तक चूसते रहो ! और 10 -15 -20 दिन लगातार कर लिया ! तो हमेशा के लिए नशा आपका छूट जाएगा !
आप बोलेगे ये अदरक मैं ऐसे क्या चीज है !????
यह अदरक मे एक ऐसे चीज है जिसे हम रसायनशास्त्र (क्मिस्ट्री) मे कहते है सल्फर !
अदरक मे सल्फर बहुत अधिक मात्रा मे है ! और जब हम अदरक को चूसते है जो हमारी लार के साथ मिल कर अंदर जाने लगता है ! तो ये सल्फर जब खून मे मिलने लगता है ! तो यह अंदर ऐसे हारमोनस को सक्रिय कर देता है ! जो हमारे नशा करने की इच्छा को खत्म कर देता है !
और विज्ञान की जो रिसर्च है सारी दुनिया मे वो यह मानती है की कोई आदमी नशा तब करता है ! जब उसके शरीर मे सल्फर की कमी होती है ! तो उसको बार बार तलब लगती है बीड़ी सिगरेट तंबाकू आदि की ! तो सल्फर की मात्रा आप पूरी कर दो बाहर से ये तलब खत्म हो जाएगी ! इसका राजीव भाई ने हजारो लोगो पर परीक्षण किया और बहुत ही सुखद प्रणाम सामने आए है ! बिना किसी खर्चे के शराब छूट जाती है बीड़ी सिगरेट शराब गुटका आदि छूट जाता है ! तो आप इसका प्रयोग करे !
और इसका दूसरे उपयोग का तरीका पढे !
अदरक के रूप मे सल्फर भगवान ने बहुत अधिक मात्रा मे दिया है ! और सस्ता है! इसी सल्फर को आप होमिओपेथी की दुकान से भी प्राप्त कर सकते हैं ! आप कोई भी होमिओपेथी की दुकान मे चले जाओ और विक्रेता को बोलो मुझे सल्फर नाम की दावा देदो ! वो देदेगा आपको शीशी मे भरी हुई दावा देदेगा ! और सल्फर नाम की दावा होमिओपेथी मे पानी के रूप मे आती है प्रवाही के रूप मे आती है जिसको हम Dilution कहते है अँग्रेजी मे !
तो यह पानी जैसे आएगी देखने मे ऐसे ही लगेगा जैसे यह पानी है ! 5 मिली लीटर दवा की शीशी 5 रूपये आती है ! और उस दवा का एक बूंद जीभ पर दाल लो सवेरे सवेरे खाली पेट ! फिर अगले दिन और एक बूंद डाल लो ! 3 खुराक लेते ही 50 से 60 % लोग की दारू छूट जाती है ! और जो ज्यादा पियाकड़ है !जिनकी सुबह दारू से शुरू होती है और शाम दारू पर खतम होती है ! वो लोग हफ्ते मे दो दो बार लेते रहे तो एक दो महीने तक करे बड़े बड़े पियकरों की दारू छूट जाएगी !राजीव भाई ने ऐसे ऐसे पियकारों की दारू छुड़ाई है ! जो सुबह से पीना शुरू करते थे और रात तक पीते रहते थे ! उनकी भी दारू छूट गई बस इतना ही है दो तीन महीने का समय लगा !
तो ये सल्फर अदरक मे भी है ! होमिओपेथी की दुकान मे भी उपलब्ध है ! आप आसानी से खरीद सकते है !लेकिन जब आप होमिओपेथी की दुकान पर खरीदने जाओगे तो वो आपको पुछेगा कितनी ताकत की दवा दूँ ??!
मतलब कितनी Potency की दवा दूँ ! तो आप उसको कहे 200 potency की दवा देदो ! आप सल्फर 200 कह कर भी मांग सकते है ! लेकिन जो बहुत ही पियकर है उनके लिए आप 1000 Potency की दवा ले !आप 200 मिली लीटर का बोतल खरीद लो एक 150 से रुपए मे मिलेगी ! आप उससे 10000 लोगो की शराब छुड़वा सकते हैं ! मात्र एक बोतल से ! लेकिन साथ मे आप मन को मजबूत बनाने के लिए रोज सुबह बायीं नाक से सांस ले ! और अपनी इच्छा शक्ति मजबूत करे !!!
अब एक खास बात !
बहुत ज्यादा चाय और काफी पीने वालों के शरीर मे arsenic तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप arsenic 200 का प्रयोग करे !

गुटका,तंबाकू,सिगरेट,बीड़ी पीने वालों के शरीर मे phosphorus तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप phosphorus 200 का प्रयोग करे !

और शराब पीने वाले मे सबसे ज्यादा sulphur तत्व की कमी होती है !
उसके लिए आप sulphur 200 का प्रयोग करे !!

सबसे पहले शुरुवात आप अदरक से ही करे !!
आपने पूरी पोस्ट पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !

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मंगलवार, 26 मार्च 2013

पक रही है मुलायम और बीजेपी में खिचड़ी ?

मंगल यादव देश की सियासत की मजबूत कड़ी माने जाने वाली समाजवादी पार्टी के रंग में फिर से बदलाव आता दिख रहा है। पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के रिश्ते सार्वजनिक तौर पर बीजेपी से अच्छे नही माने जाते। लेकिन अभी हाल में पार्टी के दो प्रमुख नेताओं मुलायम सिंह यादव और रामगोपाल यादव के बयानों से तो यही लगता है कि आने वाले समय में देश की राजनीति में कुछ चौकाने वाली कुछ राजनीतिक गतिविधियां आ सकती हैं। आमतौर पर भाजपा की आलोचना करने वाली समाजवादी पार्टी के सुर एकाएक बदल कैसे गए। पहले तो रामगोपाल यादव ने अटल विहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली एनडीए शासनकाल की खूब तारीफ की फिर उनके बड़े भाई और पार्टी सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ कर दी। राजनीति के पंडित कई तरह के कयास लगा रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि मुलायम सिंह कांग्रेस को डरा रहे हैं इसलिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि 2014 में होने वाले लोकसभा में मुलायम नया पैतरा चलेगें। क्योंकि आम चुनाव में इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी इसकी उम्मीद कम ही लगती है। मुलायम सिंह यादव शायद इसी स्थिति को भांप कर बीजेपी से नजदीकी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा नही है सिर्फ मुलायम सिंह का बीजेपी की ओऱ एकतरफा झुकाव हो रहा है। मुलायम सिंह पर बेनी प्रसाद के विवादित बयान पर बीजेपी मुलायम के साथ दिखी। बेनी मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मुलायम सिंह का भरपूर साथ दिया। यह सब घटनाक्रम यह दर्शाता है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी और मुलायम में कुछ न कुछ जरुर खिचड़ी जरुर पक रही है। मुलायम सिंह यादव का सार्वजनिक स्थान पर कहना कि लालकृष्ण आडवाणी कभी झूठ नही बोलते। ये महज सियासी दांव नहीं बल्कि बीजेपी प्रेम ही है जो कांग्रेस की दिनों-दिन गिरती साख के कारण उभरता दिख रहा है। यूपीए सरकार के सहयोगी दिन-दिन सरकार से बाहर होते जा रहे हैं और कांग्रेस के कुछ नेता यूपी में समाजवादी पार्टी के सरकार पर कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद ने मुलायम पर कमीशन खाकर समर्थन देने की बात कहकर सपा को पहले ही नाराज कर चुके हैं। वैसे भी कभी मुलायम के करीबी रहे बेनी की आजकल नेता जी से बन नही रही है। कांग्रेस नेताओं के बेलगाम बयान से मुलायम सिंह नाराज भी हैं। संसद में कई मुद्दों पर कांग्रेस सरकार उन्हें अनसुना भी कर दिया है। ऐसे में मुलायम सिंह की कांग्रेस से बेरुखी एक तरफ जहां जायज लगती हैं वही दूसरी तरफ मुलायम की नई राजनीतिक चाल भी। अगर बीजेपी से मुलायम के रिश्ते सुधरते हैं तो निश्चित रुप से आने वाले समय में केंद्र की राजनीति में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेगें। केंद्र की यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी की कई मुद्दों पर सरकार से तू-तू-मैं-मैं होती रही है। एफडीआई और प्रमोशन में आरक्षण बिल समेत कई बिल में बीजेपी औऱ सपा की समान राय रही है। गैस सिलेंडर सहित कई चीजों के मूल्य वृद्धि के खिलाफ भी सपा की सरकार से नाराजगी जगजाहिर रही है। समय-समय पर मुलायम सिंह कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को घेरते भी रहे हैं। कई मामलों में मुलायम ने सरकार से अपनी नाराजगी भी जाहिर भी की है। अगर यूपीए एक और दो की बात करें तो कांग्रेस ने मुलायम को यूज एंड थ्रो वाली नीति की तरह ही इस्तेमाल किया है। मौजूदा हालात में यूपीए सरकार यूपी की दो सबसे बड़ी पार्टियों सपा और बसपा की बैशाखी पर ही टिकी हुई हैं। ऐसे हालात में मुलायम का बीजेपी की तरफ झुकाव कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है। फरवरी के अंतिम सप्ताह में मुलायम ने बीजेपी के प्रति नरम रुख दिखाते हुए कहा था कि यदि बीजेपी मुसलमानों औऱ मंदिर-मस्जिद के प्रति अपनी सोच और विचारधारा में बदलाव करे तो बीजेपी से हाथ मिलाने में उन्हें कोई दिक्कत नही होगी। जवाब में बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मुलायम सिंह से कहा कि अगली बार हम दोनों साथ में बैठेगें। मुलायम सिंह ने राजनाथ सिंह के सुर में सुर मिलाते हुए कहा देशभक्ति, सीमा सुरक्षा और भाषा के मामले में उनकी पार्टी और बीजेपी की एक नीति है। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सुप्रीमों ने आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किसानों, मुसलमानों, देश की बाह्य और आंतरिक सुरक्षा, बेरोजगारी और गरीबों की स्थिति को सुधारने की दिशा में कोई पहल नहीं की है। यूपी में नेता जी के नाम से मशहूर मुलायम ने सरेआम कहा कि इसके बावजूद यूपीए सरकार का बाहर से समर्थन देना उनकी मजबूरी है। हालांकि मायावती और मुलायम दोनों कहते रहे हैं कि सांप्रादायिक ताकतों को दूर रखने के लिए यूपीए सरकार को समर्थन दे रहे हैं। लेकिन मुलायम सिंह ने यह नही बताया कि कांग्रेस को समर्थन देना उनकी पार्टी की क्या मजबूरी है। इस मुद्दे पर बीजेपी कहती रही है कि मुलायम सीबीआई से बचने के लिए ही कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। लेकिन यह बात तो सत्य है मुलायम सिंह ने कई बार यूपीए सरकार को मुश्किलों से बाहर निकाला है। बीजेपी की तरफ झुकना मुलायम की मजबूरी कहें या फिर कुछ कांग्रेसी नेताओं की तल्ख टिप्पणी जो भी हो अंदर ही अंदर कुछ न कुछ मुलायम और बीजेपी की खिचड़ी पकने के संकेत कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकते हैं। आपको बता दें कि 16 मार्च को केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद मुलायम पर संगीन आरोप लगाया था कि वे समर्थन देते हैं तो कमीशन भी लेते हैं। बेनी यहीं पर नहीं रुके उन्होंने मुलायम को बेईमान तक कहा। आतंकवादियों से रिश्ते होने तक आरोप जड़ दिए बेनी प्रसाद ने मुलायम पर। हांलाकि कांग्रेस के आला नेताओं ने बेनी के बयान पर अफसोस तो जताया लेकिन मुलायम सिंह के खुश नहीं कर पाए। ऐसा लगता है अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में कोई नया राजनीतिक साथी ढूढ़ रही है। वैसे तो पिछले कई वर्षों से कई क्षेत्रिय दलों को मिलाकर तीसरे मोर्चे की बात की जाती रही है। लेकिन मौजूदा हालात में सपा को कोई ऐसा साथी नही मिलता दिख रहा है जो कांग्रेस और बीजेपी को कड़ा टक्कर दे सकें। शायद इसी वजह से वक्त की नजाकत को भांपते हुए मुलायम सिंह बीजेपी से नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं। जिससे केंद्र की राजनीति में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा सकें। बीजेपी की स्थिति यूपी में दुबली है..और काफी समय से बीजेपी सत्ता से दूर है। बीजेपी भी चाहती है कि उसे कोई ऐसा साथी मिले जो केंद्र में सरकार बनाने में उसकी अहम मदद कर सके। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र भाई मोदी बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद की मजबूत दावेदारों में हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में अगर बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में पहुंची है तो बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल यू के नेता नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाए जाने का विरोध करेंगे। बीजेपी को लगता है यदि जेडीयू समर्थन वापस लेती है तो उसके विकल्प के रुप में मुलायम सिंह का सहारा उनके पास रहे। जिस प्रकार मुलायम सिंह कई बार यूपीए सरकार के लिए संकटमोचक बनकर उभरे उसी प्रकार एनडीए से किसी पार्टी के समर्थन वापसी के दौरान सपा का विकल्प बीजेपी के पास मौजूद रहे।

गुरुवार, 14 मार्च 2013

मै आतंकी बनूँ अगर माँ खुद “फंदा” ले आएगी


प्रिय दोस्तों इस रचना को ( कोई नहीं सहारा ) ३.३.२०१3 के दैनिक जागरण अखबार में कानपुर रायबरेली (उ.प्रदेश भारत ) आदि से प्रकाशित किया गया रचना को मान और स्नेह देने के लिए आप सभी पाठकगण और जागरण जंक्शन का बहुत बहुत आभार
भ्रमर ५
हम सहिष्णु हैं भोले भाले मूंछें ताने फिरते
अच्छे भले बोल मन काले हम को लूटा करते
भाई मेरे बड़े बहुत हैं खून पसीने वाले
अत्याचार सहे हम पैदा बुझे बुझे दिल वाले
कुछ प्रकाश की खातिर जग के अपनी कुटी जलाई
चिथड़ों में थी छिपी आबरू वस्त्र लूट गए भाई
माँ रोती है फटती छाती जमीं गयी घर सारा
घर आंगन था भरा हुआ -कल- कोई नहीं सहारा
बिना जहर कुछ सांप थे घर में देखे भागे जाते
बड़े विषैले इन्ही बिलों अब सीमा पार से आते
ज्वालामुखी दहकता दिल में मारूं काटूं खाऊँ
छोड़ अहिंसा बनूँ उग्र क्या ?? आतंकी कहलाऊँ ?
गुंडागर्दी दहशत दल बल ले जो आगे बढ़ता
बड़े निठल्ले पीछे चलते फिर आतंक पसरता
ना आतंक दबे भोलों से – गुंडों से तो और बढे
कौन ‘राह’ पकडूँ मै पागल घुट घुट पल पल खून जले
बन अभिमन्यु जोश भरे रण कुछ पल ही तो कूद सकूं
धर्म युद्ध अब कहाँ रहा है ?? ‘वीर’ बहुत- ना जीत सकूं
मटमैली इस माटी का भी रंग बदलता रहा सदा
कभी ओढती चूनर धानी कभी केसरिया रंग चढ़ा
मै हिम हिमगिरि गंधक अन्दर ‘अंतर’ देखो खौल रहा
फूट पड़े जो- सागर भी तब -अंगारा बन उफन पड़ा
समय की पैनी धार वार कर सब को धूल मिला देती
कोई ‘मुकद्दर’ ना ‘जग’ जीता अंत यहीं दिखला देती
तब बच्चा था अब अधेड़ हूँ कल मै बूढा हूँगा
माँ अब भी अंगुली पकडे हे ! बुरी राह ना चुनना
कर्म धर्म आस्था पूजा ले परम -आत्मा जाने
प्रतिदिन घुट-घुट लुट-लुट भी माँ ‘अच्छाई’ को ‘अच्छा’ माने
भोला भाला मै अबोध बन टुकुर टुकुर ताका करता
खुले आसमाँ तले ‘ख़ुशी’ को शान्ति जपे ढूँढा करता
मै आतंकी बनूँ अगर ‘माँ ‘ खुद “फंदा” ले आएगी
पथरायी आँखे पत्थर दिल ले निज हाथों पहनाएगी
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल ‘भ्रमर’ ५
प्रतापगढ़ उ प्र

बुधवार, 13 मार्च 2013

तीर्थ हर घर में

१० मार्च २०१३ को इलाहबाद में महाशिव रात्रि पर्व के अंतिम महास्नान के साथ महाकुम्भ का समापन हो गया . बहुत खट्टी मीठी यादो के साथ ये पर्व जाना जाएगा . वो धन्य हुए जिन्होंने तीर्थ राज प्रयाग पहुँच कर संगम में डुबकी लगाई लेकिन उन्हें ज्यादा पुण्य प्राप्त होगा जिन्होंने दूसरों को डुबकी लगाने में मदद की . सबसे अधिक पुण्य के हकदार कौन हैं ? अंदाजा लगाये नीचे के एक चित्र से ...
महाकुम्भ के अंतिम स्नान महाशिव रात्रि के अवसर पर अपनी मां को कंधे पर बिठा कर ले जाता एक बेटा .
धन्य है ये बेटा और माँ . ऐसा उदाहरण भारत में ही मिल सकता है .धन्य है फोटो पत्रकार भी जिसने ऐसी दुर्लभ और अविश्मरणीय फोटो खीची।
(साभार - दैनिक जागरण ११ मार्च २०१३ प्रष्ठ १४ लखनऊ संस्करण )
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शिव प्रकाश मिश्रा
 

गुरुवार, 7 मार्च 2013

लहू का सूर्ख रंग!

कहीं आंसुओं में ना बह जाये सपनों का महल!

 
उत्तर प्रदेश में गुण्डाराज सभी न्यूज चैनलों पर यही खबर प्रमुखता से चल रही है! तमाम बहस, बयान आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। सूप-चलनी तक का नेता मिशाल देते फिर रहे हैं। सपा के एक बड़े नेता ने तो यू0पी0 में बिगडते कानून व्यवस्था के लिए विरोधी दलों पर ठिकरा फोड डाला। यू0पी0 के कुण्डा में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी  सी0 0 जियाउल हक की हत्या कर दी जाती है। उसके साथ गये हमराही उसे मरता छोड भाग जाते हैं। हत्या के साजिश का आरोप प्रदेश सरकार के एक बाहुबली मंत्री पर लगता है। मंत्री जी हत्या के तीसरे दिन बडी ईमानदरी से अपना इस्तीफा प्रदेश सरकार के मुखिया को सौंपते है, सदन में अपने उपर लगे आरोपों पर सफाई देते हैं। उसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हैं... सी0 0 से अच्छे सम्बंध होने का हवाला देते हैं, साथ ही कहते हैं अगर हत्या की नौबत आती तो मैं सरकार में था तबादला नहीं करा देता! एक तरफ तो सरकार के मुखिया बेहतर कानून व्यवस्था की बात करते हैं और कहते हैं कानून के नजर में सब बराबर है चाहे वह मंत्री, विधायक हो या आम आदमी, दूसरी तरफ उन्ही के सरकार का बाहुबली मंत्री मीडिया में कहता है कि दिक्कत होती तो तबादला नहीं करा देता! अब यहां सवाल खड़ा होना लाजमी है कि दिक्कत होने या कोई नौबत आने पर तबादला करवा दिया जाता! तो इसके क्या मायने हो सकते हैं? इसके तो यही मायने निकाला जा सकता है कि ईमानदारी से काम करना, जिससे किसी शासित दल के नेता, मंत्री या विधायक पर अंगुली उठे। या तो उसे मोड दिया जाए या तोड दिया जाए!
 

बात यहीं खत्म नहीं होती है सी0 0 के हत्या का एफ. आई. आर. तब दर्ज होता है जब उसके पत्नी के द्वारा शव लेने से इंकार कर दिया जाता है! पुलिस महकमा के लिए इससे बड़ी शर्मिंदगी की क्या बात हो सकती है कि उसके एक जांबाज ईमानदार अधिकारी की हत्या होती है और उसके हत्या का मामला तब दर्ज होता है जब उसकी पत्नी द्वारा शव लेने से इंकार कर दिया जाता है! बावजूद इसके प्रदेश के मुखिया प्रदेश में कानून का राज होने का दंभ भरते हैं। आखिर कानून के राज का वो परिन्दा है कहां? जिसके होने का दावा बारहा प्रदेश के मुखिया द्वारा किया जा रहा है? अगर सपा के तकरीबन साल भर के राज में कानून व्यवस्था पर गौर फरमाया जाए तो बकौल सी0एम0 वो भी सदन में भारतीय जनता पार्टी के सतीश महाना और पीस पार्टी के मोहम्मद अयूब और एक अन्य सदस्य लोकेन्द्र सिंह के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि पिछले साल मार्च से दिसंबर 2012 तक राज्य मे 27 साम्प्रदायिक दंगे हुए। सी0एम0 ने पिछले 15 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वह चन्द रोज बाद अपनी सरकार का पहला साल पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मथुरा, बरेली और फैजाबाद में बड़े दंगे हुए। बरेली और फैजाबाद में धार्मिक असहिष्णुता के कारण और मथुरा में विविध कारणों से दंगे हुए। 
अब सवाल ये खड़ा होता है कि इन सभी हंगामा खेज हालात के बावजूद किस कानून व्यवस्था के राज ही बात की जा रही है? सी0एम0 साहब को पता होना चाहिए कि सरकार में जब तक आपराधि प्रवित्ती के लोग रहेंगे तब तक कानून व्यवस्था की बात करना बेमानी होगा! आप खुद देख सकते हैं कि किस तरफ पशु तस्कर का स्टिंग आपरेशन करने पर एक एस0 पी0 को पैदल कर दिया जाता है, सी0एम0ओ0 का अपहरण करने के आपरोप से बरी कर फिर एक आपराधिक चरित्र वाले नेता को मंत्री का ताज पहनाया जाता है! आखिर क्या जरूरत आन पड़ी है कि आपराधि छवि के लोगों को मंत्रीमण्डल में शामिल किया जाए? सी0एम0 साहब प्रदेश की जनता ने आपको बहुमत बड़े आस व उम्मीद से दिया है। ताकि उसके हर कदम पर आपकी सरकार साथ खड़ी दिखाई दे। वर्ना अभी ज्यादा वक्त नहीं गुजरा है बसपा को सकार से बेदखल किए हुए जनता को। आखिर इस लचर कानून व्यवस्था के बल पर किस मुंह से आप दिल्ली जाने का समर्थन हासिल कीजिएगा? आपके शासन का यह रवैया कहीं नेता जी के सपनों को ना तोड़ दे? वही सपना जो दिल्ली का है, पी0एम0 का!
 
एम. अफसर खां सागर