मंगलवार, 5 फ़रवरी 2013

रामबिलास शर्मा बने हरियाणा भाजपा के नए अध्यक्ष

( “पोल इंडिया ” पत्रिका के फरवरी 2013 अंक में प्रकाशित लेख) हरियाणा के वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा हरियाणा के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। 5 जनवरी को रोहतक में संपन्न प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। वे दूसरी बार बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बनाए गये हैं। इससे पहले शर्मा को सन् 1991 में हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। रामबिलास शर्मा, कृष्णपाल गुर्जर का स्थान लिए जिनका तीन वर्ष का कार्यकाल अभी हाल में ही समाप्त हुआ। इस अवसर पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र चुनाव पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद थे। पार्टी प्रवक्ता एवं पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रत्न लाल कटारिया को चुनाव अधिकारी बनाया गया था। इसके अलावा बैठक में राष्ट्रीय परिषद के दस सदस्यों का चयन भी किया गया। चुनाव पर्यवेक्षक कलराज मिश्र ने बताया कि राष्ट्रीय परिषद के सदस्य के तौर पर कैप्टन अभिमन्यु, कृष्णपाल गुर्जर, ओमप्रकाश धनखड़, प्रो. गणेशी लाल, आत्मप्रकाश मनचंदा, रत्नलाल कटारिया, सुधा यादव, आईडी स्वामी, रामचंद्र बैंदा और कृष्ण बेदी को चुना गया है। कौन हैं रामबिलाश शर्मा हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के राठीवास गांव में 1949 में जन्में रामबिलास शर्मा लगातार चार बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। वे सर्वप्रथम 1982 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1987 में विधायक बने और हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए। 1991 में वे तीसरी बार हरियाणा विधानसभा में पहुंचे। भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. मंगलसेन के निधन के बाद उन्हें बीजेपी हरियाणा का अध्यक्ष बनाया गया। 1976 में जयप्रकाश आंदोलन के दौरान वे डा. मंगलसेन की प्रेरणा से ही सक्रिय राजनीति में आए थे। रामबिलास शर्मा 1996 में चौथी बार विधायक बने और हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के तौर पर भी कार्य कर चुके हैं। क्या-क्या होगी चुनौतियां- अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान नए प्रदेश अध्यक्ष रामविलाश के सामने कई चुनौतियां सामने होगी। रामबिलास शर्मा का कार्यकाल जनवरी 2016 तक रहेगा। शर्मा के कार्यकाल दौरान ही हरियाणा विधानसभा चुनाव और आम चुनाव 2014 में होने हैं। हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों में से बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनाव 2009 में मात्र चार सीटें मिलीं थी। हरियाणा में भाजपा की स्थिति काफी दयनीय है। रामबिलास शर्मा के सामने सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी को मजबूत करने की होगी। हरियाणा में 10 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से 9 पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि एक सांसद हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजका) का है। हजकां इस समय हरियाणा में बीजेपी का सहयोगी दल है। रामबिलास शर्मा के सामने हजका प्रमुख कुलदीप बिश्नोई के साथ बेहतर तालमेल बनाकर साथ की सबसे बड़ी चुनौती होगी। बीजेपी के साथ हजका गठबंधन को बनाए रखना और चुनावों में टिकट बटवारा रामबिलास शर्मा के लिए अग्नि परीक्षा जैसी होगी। क्योंकि हरियाणा जनहित कांग्रेस क्षेत्रिय दल होने के नाते ज्यादा सीटों की मांग कर सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में हजकां के 6 विधायक चुने गए थे, जबकि हिसार लोकसभा सीट से हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्नोई खुद सांसद हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद हजकां के 5 विधायक पार्टी छोड़कर कांग्रेस सरकार में शामिल हो गए थे। जाट और गैरजाट जतीय समीकरण बीजेपी ने रामविलास शर्मा को हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है। पहला- गैर जाट विरादरी को इकट्ठा करना और दूसरा शर्मा की लोकप्रियता भुनाने की है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के अध्यक्ष कुलदीप बिश्नोई गैरजाट हैं और रामबिलास शर्मा भी जाट विरादरी से नही आते। जाट बहुल हरियाणा में कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) दोनों राज्य में जाट की राजनीति करते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला दोनों जाट विरादरी से आते हैं। इसलिए बीजेपी और हजकां गठबंधन चुनाव में गैरजाट मुख्यमंत्री का कार्ड खेलकर गैरजाटों की वोट को हथियाना चाहेंगे और हरियाणा में नए राजनीतिक समीकरण पेश करने की कोशिश करेंगे। रामबिलास शर्मा पर गैरजाटों को एकजुट करने का बड़ा दबाब भी होगा। ऐसा माना जाता है रामबिलास शर्मा मिलनसार किस्म के व्यक्ति हैं इसी वजह से उनकी हर जाति के लोगों में अच्छी पकड़ है। इसी कारण बीजेपी चुनावों में अच्छे नतीजों की आस लगाए हुए है। हांलाकि भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष चुने चुने जाने के बाद रामबिलास शर्मा ने कहा कि वे सभी लोगों को साथ लेकर चलेंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिस उम्मीद से उन पर जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर वे खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की लड़ाई लड़ी जाएगी। क्योंकि देश और प्रदेश की जनता महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त है। शर्मा ने कहा कि हजकां-भाजपा गठनबंधन बरकरार रहेगा।

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