बुधवार, 24 अक्तूबर 2012

mela

विजयादश्मी का मेला....

मेले में केला

मेले में पकौडी
मेले में मिट्टी के खिलौने   
मेले में कोका कोला
मेले में गूड की जलेबी
मेले में रेली का रेला  
स्थान- दश्मी का पोखरा, धानापुर , जनपद-चन्दौली।
.... मेला, केला और झमेला, इन तीनों का अजीब संयोग है।
आखिर कैसे आप सोचते होंगे, तो सुनिए आप मेले में जाएं और केला ना देखें ये सम्भव नहीं, अगर केला दिख गया और मोल भाव में झमेला ना हो तो कहिएगा !
अरे भाई गांव का मेला गांव के लोग और उसमें औरतों का मजमा फिर बन गई बात। शाम के चार बजे एक भाई साहब ने फोन किया पांच साल से हमने मेला नहीं देखा चलिए देख आएं। मैं भी राजी हो गया। हम लोग चल दिए मेला देखने... एक किलो मीटर का पैदल सफर तय करके हम लोग पहुंचे मेला देखने। सबसे पहले हमारा सामना केला से हुआ। आगे बढें तो कोका कोला से रंग, पोखरे का पानी और शक्कर......।
फिर गूड की जलेबी और  मिट्टी के खिलौने, गुल्लक..।
बादाम, झाल- मुडी के साथ मेले का रेली-रेला।

हो गया भई मेला.....।

 
एम.अफसर खां सागर

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