गुरुवार, 9 जून 2011

जरा याद करो बलिदान



आज अमर शहीद वीर हरिकिशन मल का बलिदान दिवस है  वो शहीद भगत सिंह द्वारा निर्मित नौजवान भारत सभा के सक्रिय सदस्य थे ,उन्होंने पंजाब के अत्त्याचारी ,नराधम ,क्रूर तथा अधर्मी अँगरेज़ गवर्नर ज्योफ्रे दी मोंटेर मेंसे को मारने का असफल प्रयास किया और पकडे गए ,पुलिस ने उनसे उनके साथियों के बारे में उगलवाने के लिए बहुत यातनाएं दी किन्तु हर यातना के बाद उनकी आत्मा और फौलादी हो गयी,उनके मुख से वन्दे मातरम तथा इन्कलाब जिंदाबाद के अलावा कुछ न निकला  , उनको १४ १४ वर्षों की कठोर  कारवास तथा मृत्युदंड दिया ,"जज साहब मुझे २८ वर्ष जेल में रखने के बाद फांसी पर चढ़ाया जायेगा या फांसी पर चढाने के बाद मेरी मृत देह  को २८ वर्ष जेल में रखा जायेगा " सजा सुनने के बाद वो यह कह खिलखिला कर हंस दिए ,आज के दिन फांसी पर लाहौर की  मियांवाली जेल में फांसी पर चढ़ते हुए उन्होंने जल्लाद और अंग्रेजों को डांट दिया की खबरदार मुझे छूना मत और वो हँसते हुए तथा वन्दे मातरम और इन्कलाब जिंदाबाद के नारे लगते हुए भारतवर्ष की मिटटी में समाहित हो गये ,अंग्रेजी हुकूमत उनकी इस वीरता को सहन कर सकी और उनकी देह को उनके घर वालों को ना दे कर स्वयं अंतिम संस्कार कर दिया |

आइये  आज हम सब आज के दिन उनको याद करके अपने देश को पिग्विजय जैसे काले अंग्रेजों से बचा कर उन काले अंग्रेजों का दमन करेंगे |


वन्दे मातरम!
जय भारत!
इन्कलाब जिंदाबाद !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें